फोटोग्राफी का जनक: 1888 में जॉर्ज ईस्टमैन ने कोडक की स्थापना की, जिसने "आप बटन दबाएं, हम बाकी करें" के नारे के साथ फोटोग्राफी को आम लोगों तक पहुंचाया।

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फिल्म  बाजार पर राज: 1970 के दशक तक कोडक ने वैश्विक फिल्म बाजार का 90% और कैमरा      बाजार का बड़ा हिस्सा नियंत्रित किया, जो इसे      उद्योग का दिग्गज बनाता था।

डिजिटल कैमरे का आविष्कार: 1975 में कोडक के इंजीनियर स्टीवन सैसन ने पहला डिजिटल      कैमरा बनाया, लेकिन कंपनी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।

1. डिजिटल  क्रांति की अनदेखी: कोडक ने अपनी फिल्म व्यवसाय की रक्षा के लिए डिजिटल      फोटोग्राफी को नजरअंदाज किया, जबकि सोनी और कैनन जैसे प्रतिद्वंद्वी आगे बढ़े।

स्मार्टफोन      का झटका: 2007 में iPhone और Android स्मार्टफोन्स      ने कैमरा उद्योग को बदल दिया, जिसके लिए कोडक तैयार नहीं था।

आर्थिक संकट: 2000 के दशक में कोडक को लगातार घाटा हुआ, कर्मचारी      संख्या 80,000 से घटकर 26,000 हो गई।

दिवालियापन:      2012 में कोडक ने 6.8 बिलियन      डॉलर के कर्ज के साथ चैप्टर 11 दिवालियापन के लिए आवेदन किया।

     पुनर्जनन      के प्रयास: दिवालियापन के बाद कोडक ने प्रिंटिंग, पैकेजिंग,      और फार्मास्यूटिकल्स में कदम रखा, लेकिन      पुरानी प्रतिष्ठा वापस नहीं पाई।

     सबक:      कोडक की कहानी नवाचार, बाजार की      मांगों को समझने, और बदलते समय के साथ तालमेल बिठाने के महत्व को      दर्शाती है