
किसी भी क्रेडिट कार्ड से अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कैसे करें
सबसे आसान तरीका housing.com ऐप से करना सीखेंगे क्रेडिट कार्ड से बैंक अकाउंट में पैसा कैसे ट्रांसफर होता है सबसे पहले आपको housing.com ऐप डाउनलोड कर लेना है
ऐप डाउनलोड करने के बाद यहां आपको अपने बैंक अकाउंट से जुड़े मोबाइल नंबर से लॉगिन कर लेना है लोगिन करने के बाद आपको इस तरीके का इंटरफेस दिखाई देगा

जहां पर लिखा होगा वेलकम टू हाउसिंग नीचे और भी ऑप्शंस आपको दिखाई देंगे आपको pay on credit पर क्लिक करना है pay on credit क्लिक करने के बाद आपको यहां पर बहुत सारे ऑप्शन दिखाई देंगे |
यहां पर आपको एजुकेशन फीस वाले क्षेत्र पर क्लिक करना है |

इसके बाद आपसे यहां पर बैंक अकाउंट नंबर दो बार पूछा जाएगा इसको फिल करें और अपने बैंक अकाउंट का आईएफएससी कोड भी डालें और जिसका बैंक अकाउंट है उसका नाम भी डालना पड़ेगा

इसके बाद आपसे आपका नाम पूछा जाएगा आगे बढ़ने पर आपसे जिस भी अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने हैं उसी अकाउंट से पैन कार्ड जुड़े हुए पैन कार्ड नंबर को डालना पड़ेगा जैसे ही आप पैन कार्ड डालेंगे यह आपका पैन कार्ड को वेरीफाई करेगा और वेरीफाई करने के बाद प्रोसीड तो पे का ऑप्शन आपको मिलेगा आपको इस ऑप्शन पर क्लिक करके आगे बढ़ाना है |
और फिर आपको यहां एक ओटीपी मिलेगा ओटीपी डालने के बाद आपके क्रेडिट कार्ड से आपकी जो भी अमाउंट है वह बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए रेडी हो जाएगी |
करीब 24 से 48 घंटे के भीतर जो भी अमाउंट आपने डाली है और जो बैंक अकाउंट आपने डाला है उसी बैंक अकाउंट में आपको यह पेमेंट मिल जाएगी |
तो यह बहुत ही आसान तरीका है जो हमने आपको यहां पर बताया है इसके जरिए क्रेडिट कार्ड के थ्रू आप किसी भी अकाउंट में जिसका अकाउंट नंबर आपको पता हो आईएफएससी कोड बताओ और पैन कोड और बेनिफिशियरी का पैन नंबर पता हो तो आप अपने क्रेडिट कार्ड से दूसरे के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं |
भारत में Credit card का सफर
🔹 1980 के दशक: भारत में Credit card की शुरुआत
भारत में Credit card प्रणाली की शुरुआत 1981 में हुई, जब Central Bank of India ने पहला क्रेडिट कार्ड लॉन्च किया। यह भारत में पहला बैंक-समर्थित Credit card था।
📌 मुख्य बिंदु:
✅ 1981 में Central Bank of India ने पहला Credit card जारी किया।
✅ शुरुआत में केवल चुनिंदा ग्राहकों को यह सुविधा दी गई थी।
✅ यह प्रणाली मुख्य रूप से उच्च आय वर्ग के लोगों के लिए थी।
🔹 1990 का दशक: भारतीय बैंकों की एंट्री
1990 के दशक में, भारतीय बैंकों ने Credit card क्षेत्र में कदम रखना शुरू किया। इस दौर में HDFC Bank, ICICI Bank और SBI ने अपने क्रेडिट कार्ड लॉन्च किए।
📌 मुख्य बिंदु:
✅ HDFC और ICICI जैसे प्राइवेट बैंक इस क्षेत्र में आए।
✅ विदेशी कंपनियों जैसे Visa और Mastercard की भारत में एंट्री हुई।
✅ पहली बार EMI (Equated Monthly Installment) और कैशबैक जैसी सुविधाएं शुरू हुईं।
🔹 2000 का दशक: डिजिटल क्रांति और Credit card का विस्तार
साल 2000 के बाद इंटरनेट और डिजिटल पेमेंट्स का विस्तार होने लगा, जिससे Credit card का उपयोग तेजी से बढ़ा।
📌 मुख्य घटनाएँ:
✅ 2001: पहली बार ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन शुरू हुए।
✅ 2005: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने क्रेडिट कार्ड के लिए नियम सख्त किए।
✅ 2010: मोबाइल बैंकिंग और डिजिटल भुगतान बढ़ने लगे।
🔹 2016 के बाद: UPI और कैशलेस इंडिया मिशन
2016 में नोटबंदी के बाद भारत में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिला और Credit card का उपयोग और बढ़ गया। हालाँकि, UPI (Unified Payments Interface) के आने से डेबिट कार्ड और मोबाइल पेमेंट्स को भी लोकप्रियता मिली।
📌 वर्तमान स्थिति:
✅ अब Visa, Mastercard, RuPay, और American Express जैसे ऑप्शंस उपलब्ध हैं।
✅ भारत में लगभग 9 करोड़ से अधिक Credit card उपयोगकर्ता हैं।
✅ EMI, रिवार्ड पॉइंट्स, कैशबैक, और कॉन्टैक्टलेस पेमेंट जैसी सुविधाएँ आम हो गई हैं।
🚀 भारत में Credit card का भविष्य
📌 आने वाले समय में क्रेडिट कार्ड का डिजिटल और सुरक्षित संस्करण देखने को मिलेगा, जिसमें AI, Contactless Payment और Biometric Authentication जैसी सुविधाएं होंगी।
Housing.com ऐप का मुख्य काम है:
🏠 रियल एस्टेट सर्च प्लेटफ़ॉर्म के रूप में काम करना, जहाँ उपयोगकर्ता निम्न कार्य कर सकते हैं:
🔍 मुख्य फीचर्स और काम:
- ⏳ घर, फ्लैट और प्रॉपर्टी सर्च करना (Buy/Rent):
- आप भारत के किसी भी शहर में मकान, फ्लैट, प्लॉट या कमर्शियल प्रॉपर्टी खोज सकते हैं – चाहे खरीदना हो या किराए पर लेना।
- 📸 Verified Listings और 3D टूर:
- Verified प्रॉपर्टी लिस्टिंग होती हैं, जिनमें 3D व्यू और फोटो होते हैं ताकि आप घर बैठे देख सकें।
- 📍 Location-based सर्च:
- GPS से लोकेशन सेट कर के आप पास की उपलब्ध प्रॉपर्टी खोज सकते हैं।
- 📊 प्रॉपर्टी वैल्यूएशन और प्राइस ट्रेंड्स:
- प्रॉपर्टी का अनुमानित मूल्य, आस-पास की प्राइस रेंज और रियल एस्टेट ट्रेंड्स दिखाए जाते हैं।
- 🏗️ नया प्रोजेक्ट सर्च करना:
- नए बन रहे प्रोजेक्ट्स, बिल्डर की डिटेल्स और उनकी रेटिंग्स देखने को मिलती हैं।
- 📞 सीधा मालिक या एजेंट से संपर्क:
- आप सीधे प्रॉपर्टी ओनर या एजेंट से कॉल या चैट कर सकते हैं।
- 🏦 होम लोन और EMI कैलकुलेटर:
- आप ऐप से ही होम लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं और EMI कैलकुलेट कर सकते हैं।
- 🔔 रियल टाइम अलर्ट:
- नई प्रॉपर्टी लिस्ट होते ही आपको नोटिफिकेशन मिल जाता है।
✔️ उपयोगकर्ता कौन होते हैं?
- घर खरीदने वाले
- किराए पर लेने वाले
- मकान मालिक और प्रॉपर्टी एजेंट
- इन्वेस्टर्स जो प्रॉपर्टी में पैसा लगाना चाहते हैं
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